Monday 18 July 2011

तू ही मेरा प्यार है...

वैसे तो मिलेंगे हज़ारो यहाँ...
पर तेरी नजरो में कुछ खास है...
मैंने देखा है सबके है साथी यहाँ..
पर तेरी कुछ और ही बात है...
झुक जाती है मेरी नज़रें...
जब टकराती हैं तेरी निगाहों से...
जाने क्या मेरा ये अंदाज़ है...
छेड़ती हैं मुझे मेरी सखियाँ...
लेकर तेरा नाम...
क्या तेरे मन में है मेरी तस्वीर...
इस बात से दिल अनजान है...
तुझे पाने की हसरत नहीं है मुझे...
क्युंकि तेरी ख़ुशी में है मेरी ख़ुशी...
समझ नहीं आता...
मेरे ये क्या जज़्बात हैं...
तेरी नज़रों में मुझे मेरा अक्स नज़र आता है...
पर तेरे सपनो, तेरे ख्यालों में मै हूँ या नही...
इस हकीकत की मुझे तलाश है...
दिल है मेरा भरा कई एहसासों से...
कहना चाहती हूँ तुझसे की..
सिर्फ...सिर्फ तू ही मेरा प्यार है...

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