Saturday 31 March 2012

तेरे इश्क में...

तेरे इश्क में डूबती जा रही हूं
चाह कर तुझे खुद को भूलती जा रही हूं,
तुझे पाना मेरा ख्वाब नहीं
पर ख्वाबों में सिर्फ तुझे ही देखती जा रही हूं,
जानती हूं मैं तू मेरा मुकद्दर नहीं
पर फिर भी तेरे इंतज़ार में बेकरार होती जा रही हूं,
ये क्या हुआ है मेरे दिल तुझे
क्यूं किसी के ख्यालों में खोती जा रही हूं,
कभी बेचैनी, कभी बेबसी, आंखो में है आंसु कभी
पर फिर भी तुझे ही याद करती जा रही हूं...