Saturday 22 February 2014
Thursday 13 February 2014
वक्त...
कुछ लोग ज़िंदगी में बहुत अहम होते हैं उस 'वक्त' के लिए....लेकिन जैसे जैसे वह 'वक्त' बीतता है वह इंसान आम सा लगने लगता है...फिर 'वक्त' के बीतने के साथ साथ वह इंसान पीछे छूटने लगता है....धूंधला पड़ने लगता है और फिर ऐसा 'वक्त' भी आता है कि वह गायब सा हो जाता है जिंदगी से...हां कहीं किसी कोने में उसकी थोड़ी सी मौजूदगी बची रहती है...और जब हम उस मौजूदगी को महसूस करना चाहते, तभी महसूस करते हैं....पर इस पूरे मामले में जिस बात की सबसे ज्यादा भूमिका रही है, वह है 'वक्त' की.......'वक्त' कभी भी कुछ भी एक सा रहने नहीं देता....
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