आंखों में नमी, दिल में तेरी यादें
फिर भी खुशियां मनाती रही हूं मैं,
तू आकर चला गया मुझे दरकिनार कर
फिर भी तेरा इंतजार करती रही हूं मैं,
तू रुख नहीं करेगा कभी इधर को
फिर भी तेरे लिए शाम से सहर करती रही हूं मैं,
बिछड़ कर जिंदगी की बद्दुआ दे गया तू
फिर भी तेरे लिए हर दर पर दुआ करती रही हूं मैं,
तेरी रातें कटती हैं सुकून में
इधर करवटें रात भर बदलते रही हूं मैं,
और ये मुहब्बत की इंतहा है मेरी कि तू जलाता रहा सदा मुझे,
फिर भी तुझे पलकों की छांव में रखती रही हूं मैं.....................
फिर भी खुशियां मनाती रही हूं मैं,
तू आकर चला गया मुझे दरकिनार कर
फिर भी तेरा इंतजार करती रही हूं मैं,
तू रुख नहीं करेगा कभी इधर को
फिर भी तेरे लिए शाम से सहर करती रही हूं मैं,
बिछड़ कर जिंदगी की बद्दुआ दे गया तू
फिर भी तेरे लिए हर दर पर दुआ करती रही हूं मैं,
तेरी रातें कटती हैं सुकून में
इधर करवटें रात भर बदलते रही हूं मैं,
और ये मुहब्बत की इंतहा है मेरी कि तू जलाता रहा सदा मुझे,
फिर भी तुझे पलकों की छांव में रखती रही हूं मैं.....................