Saturday 1 September 2012

भूलकर भी याद आते रहे

भूलकर भी याद आते रहे
तुम्हे भूलने की लाख कोशिश की
पर तुम भूलकर भी याद आते रहे...
तुम्हे पाया ही कब था मैने
पर फिर भी तुम्हे खो जाने के डर से
दिल आसू बहाते रहे...
तुम्हे अंजाने में ही सही
मुझे रूलाने की आदत सी है
पर फिर भी तुम्हारी यादें मुझे हंसाते रहे...
तुम्हे हम अपना ना कह सके कभी
पर फिर भी गैर कहने से कतराते रहे...
हम जानते हैं
तुम्हें दिलों से खेलना अच्छा लगता है
पर फिर भी तुम्हारे प्यार से
अपने ख्वाबों को सजाते रहे...