Friday 13 July 2012

कई बार मरी हूं मैं........

मैने कहा उनसे मरने वालेहैं हम,
उनका जवाब सुनकर कुछ सोच में पड़ गए हम,
कहने लगे बड़े आराम से वो...
मरी तो अब भी हो तुम,
कुछ २ लम्हात पहले
जब उसने तुम्हारे मैसेज का जवाब नही दिया था,
मरी तो उस वक्त भी थी जब उस से अलग होने का फैसला लिया था,
मरी तो उस वक्त भी थी जब उसको उन सीढियों पर निराश और बेहाल छोड़कर लौट आई थी,
मरी तो उस वक्त भी थी जब जुदा होकर खूब रोई थी,
मरी तो उस वक्त भी थी जब उसकी याद आई थी,
और हां मरी तो उस वक्त भी थी
जब उसने तुम्हे देखकर रूख फेर लिया था,
कितनी बार मरी हो तुम
हर लम्हात हर पल में तो बस मर ही रही हो,
जिंदा कहां हो
हां एक बात जरूर है कि बस दफनाया नही गया है तुम्हे...

3 comments:

  1. बहुत खूब जिया...
    सुन्दर एहसास.....दिल को छू गए.

    अनु

    ReplyDelete
    Replies
    1. हौसला अफज़ाई के लिए आपका शुक्रिया अनु...

      Delete
  2. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete