Monday, 30 April 2012

तुम...


इस भागदौड़ में सबकुछ भूल जाते हैं...
नहीं भूलते अगर कुछ,
तो तुम्हे भूलना नहीं भूलते हैं...
दिन तो बड़ी उलझन में कट जाता है
बीत जाती है शाम भी तुम्हारे बिना
पर रात में तुम्हें सोचना नहीं भूलते हैं...
हर पल लगता है,
कुछ नहीं हो तुम हमारे...
पर हर पल तुम्हें अपना कहना नहीं भूलते हैं...
बड़ा दर्द देते हो तुम,
चोटें  भी पहुचाती हैं तुम्हारी यादें,
पर क्या करे, तुम्हे चाहना नहीं भूलते हैं..

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